Sunday, August 28, 2016

सपना पूरा करने के लिए 5 लाख रुपए की जर्मन राइफल खरीद कर भेंट की..

गुजरात के अहमदाबाद के एक रिक्शा ड्राइवर ने अपनी बेटी का शूटिंग चैंपियन बनाने का सपना पूरा करने के लिए 5 लाख रुपए की जर्मन राइफल खरीद कर भेंट की है। अहमदाबाद के रहने वाले रिक्शा चालक मणिलाल गोहिल ने ये रुपए अपनी बेटी की शादी के लिए बचा कर रखे थे। आपको बता दें कि मणिलाल की बेटी मित्तल एक राष्ट्रीय स्तर की शूटर है। 


जब मणिलाल स्थानीय पुलिस कमिश्नर के पास लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के लिए पहुंचे तो लिस कमिश्नर हैरान रह गए कि एक रिक्शा ड्राइवर इतनी महंगी राइफल कैसे खरीद सकता है।हालांकि, उनके लिए पुलिस ने जरूरी मंजूरी दिलाने में मदद की और मणिलाल के प्रयासों के लिए तारीफ भी की।
रिक्शा चालक की बेटी मित्तल ने कहा, 'मेरे पिता और मेरे परिवार ने सिर्फ मेरे महंगे शौक को पूरा करने के लिए बहुत बलिदान दिया है। इस राइफल के मिलने के बाद मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर में भाग लेने और अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी।' शूटर मित्तल अहमदाबाद के गोमतीपुर क्षेत्र में अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ एक चॉल में रहती है और चार साल से शूटिंग का अभ्यास कर रही है।
शूटिंग के लिए मित्तल के जुनून का तब जागा वे अहमदाबाद में राइफल क्लब से गुजर रहीं थी वहां पर कुछ निशानेबाजों उस समय निशाना लगा रहे थे। मित्तल ने तभी फैसला कर लिया था कि वह भी उन निशानेबाजों की तरह ही एक निशानेबाज बनेगी। एक ऐसा परिवार जो सिर्फ ऑटो रिक्शा चालक मणिलाल के ऊपर निर्भर है और उस परिवार में इस तरह के महंगे शौक को आसानी से पूरा कर पाना नामुमकिन था। फिर भी मणिलाल ने अपनी बेटी को राइफल खरीद कर दिया ताकि उसके पास अपनी राइफल हो। मित्तल को पहले राइफल क्लब मे किराए पर बंदूक लेनी पड़ता थी।


मित्तल की नई राइफल का वजन 8 किलो और एक गोली की कीमत 31 रुपए है। मित्तल अगर किसी भी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए कम से कम 1000 राउंड गोलियां जरुरत पड़ेगी। 2013 में कम से कम अभ्यास होने के बावजूद मित्तल ने 57वें अखिल भारतीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप शूटिंग में भाग लिया और साथीनिशानेबाजों अंजू शर्मा और लज्जा गोस्वामी के साथ-साथ एक कांस्य पदक जीता था।
शूटिंग मित्तल की पहला जुनून नहीं था। उनका सपना था कि भारतीय सेना में शामिल हो, लेकिन उसकी कम ऊंचाई होने के चलते ऐसा नहीं हो सका। मित्त्ल ने पीएसआई की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन उसके शारीरिक कद कम होने के कारण सेना में शामिल नहीं हो सकती थी। मित्तल का छोटा भाई मितेश भी एक पिस्तौल शूटर के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए कोशिश कर रहा है।

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