हिंदी कहानियाँ
Thursday, August 25, 2016
ऐसे डसता है कि सांप भी.......
सांप को
सब जानते, पहचानते हैं
सांप है
उस में जहर है
सब बचते हैं
सांप
खुद डरते हैं
सब से बचते हैं
कभी
चलाकर नहीं डसते
आदमी तो
सांप का भी बाप है
सारी जान- पहचान धरी रह जाती है
इतना चुपचाप
इतने प्रेम से
ऐसे डसता है कि सांप भी.......
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