जब मैं कुछ कहूं- तुम तालियां बजाना, बजवाना
जब तुम कुछ कहोगे- मैं तालियां बजाऊंगा, बजवाऊंगा
तुम मुझ से यूं ही निभाते रहनामैं तुम से यूं ही निभाता रहूंगा.....
मेरे बेसुरों पर तुम ताल ठोंकना तुम्हारे बेसुरों पर मैं ताल ठोंकूंगा
मेरी असंगत को तुम संगत देते रहना
तुम्हारी असंगत को मैं संगत देता रहूंगा......
याद रहे! गीत हमें, अपने- अपनों ही के गाने हैं
अकेला चना भाड़ नहीं झौंक सकता, सबके यहां घराने है
तुम मुझे दरबार भिजवाते रहना मैं तुम्हें दरबार भिजवाता रहूंगा।
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